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प्रश्न - पूर्वकालिक संविदा भंग या समय पूर्व संविदा भंग से आप क्या समझते हैं? समय पूर्व संविदा भंग हो जाने की स्थिति में दोनों पक्षों के अधिकारों एवं दायित्वों की विवेचना कीजिए |

            संविदा भंग दो प्रकार का होता है -
  1. पूर्वकालिक संविदा तथा 
  2. पालन के दौरान संविदा भंग |
    anticipatorybreachofcontract

        1-पूर्वकालिक संविदा भंग - पूर्वकालिक संविदा भंग का पश्न तब उठता है जबकि  संविदा पालन के समय के पूर्व कोई पक्षकार संविदा भंग कर देता है |

इस संबंध में होचेस्टर बनाम डिo ला टौर (1853) 2  ई. एंड बी. 678 का वाद उल्लेखनीय है इस वाद में वादी को प्रतिवादी ने एक कर्मचारी के रूप मैं नियोजित किया तथा नियोजन से पूर्व ही उसके नियोजन की समाप्त की सूचना दे  दी | वादी ने वाद दायर किया, न्यायालय ने निर्णय दिया कि वादी पालन के समय के पूर्व ही वह वाद प्रस्तुत  करने का अधिकारी था । 

            संविदा अधिनियम की धारा 39 में एक अपवाद है जिसमें कहा गया है कि जबकि संविदा में के एक पक्षकार ने अपनी पूरी प्रतिज्ञा का पालन करने से इन्कार कर दिया है । या ऐसा पालन करने के लिए अपने को नियोज्य बना लिया है तब प्रतिज्ञागृहीता संविदा का अंत कर सकेगा यदि उसने उसको चालू के लिए शब्दों द्वारा या आचरण द्वारा उपमति संज्ञापित न कर दी हो | संविदा का अंत कर सकेगा।

        2- पालन के दौरान संविदा भग - यदि संविदा के पालन के दौरान कोई पक्षकार संविदा के पालन से इनकार कर देता है तो दूसरा पक्षकार अपने द्वारा संविदा के पालन के अभिक्षम्य तथा भंग के लिए वाद करने का अधिकारी हो जाता है |

        फ्रॉस्ट बनाम नाइट 41 एल.जे.एक्स. 78 के मामले मैं स्पष्ट किया गया है कि यदि प्रतिज्ञाकर्ता संविदा भंग करने की इच्छा प्रकट करता है तो प्रतिज्ञाकर्ता को यह विकल्प प्राप्त होता है कि वह उस पर ध्यान ना दे तथा दूसरे को इसके लिए उत्तरदायी ठहराये।

एक पक्षकार द्वारा संविदा उलझन या संविदा स्वत उन्मोचित नहीं रहती है दूसरे को यह अधिकार होता है कि वह उसे जीवित माने या ना माने यह माने किउसका उन्मोचन हो गया है जब वह यह मान लेता है की संविदा का उन्मोचन हो गया है तब संविदा उन्मोचित हो जाती है | 

        पूर्वकालिक भंग के बाद पक्षकार को प्राप्त अधिकार -- धारा 39 के अनुसार जब किसी संविदा का कोई पक्ष का अपने वचन का पूर्णता पालन करने। करने से इनकार करदता है तो वाचंग्रहीता समाप्त करने का अधिकारी हो जाता है |
उदाहरण
(1) 'अ' जो एक गायिका है एक नाटक के प्रबंधक 'ब' से अगले दो महीने के दौरान प्रत्येक सप्ताह में दो रात उसके नाटक में गाने की संविदा करती है और 'ब' उसे प्रत्येक रात के गाने के लिए ₹100 देना तय करता है |छठी रात को 'अ' नाटक से स्वेच्छा अनुपस्थित रहती है 'ब' संविदा का अंत करने के लिए स्वतंत्र है |

(2) 'अ' जो एक गायिका है एक नाटक के प्रबन्धक 'ब' से अगले दो महीने के दौरान प्रत्येक सप्ताह में दो रात उसके नाटक में गाने की संविदा करती है और 'ब' उसे प्रत्येक रात के लिए 100 रूपये की दर से मजदूरी देना तय करता है क्ष्ठी रात को 'अ' स्वेक्षा से अनुपस्थित रहती है 'अ' 'ब' की की अनुमति से सातवीं रात को गाती है |'ब' ने संविदा चालु रखने में अपनी उपमति संज्ञापित कर दी है और तब वह उसका अंत नहीं कर सकता | किन्तु वह क्षठी रात को गाने में 'अ' की विफलता से उठाये गये नुक्सान के लिए हर्जाने का हकदार है |

यदि कोई वचनकर्ता अपने कृत्य द्वारा अपने को प्रतिज्ञा के पालन के अयोग्य बना लेता है या अपनी प्रतिज्ञा को पूरा करने से इन्कार कर देता है तो दूसरे पक्षकार को अधिकार है कि वह संविदा को समाप्त मान ले तथा हर्जाने के लिए वाद दायर कर दे | उसे नियत समय तक प्रतीक्षा करने की आवश्यकता नहीं है |

महाराष्ट्र राज्य बनाम दिगंबर बलवंत कुलकर्णी , ए. आई. आर. 1989 एस. सी. 1339 के मामले में उच्चतम न्यायालय ने यह अभिनिर्धारित किया कि यदि निर्माण की संविदा में समय संविदा का सार उल्लिखित है तथा संविदा निर्माण पुरा होने तक या उसे छोड़ देने तक ही प्रवर्तानिये है तथा यदि संविदा का एक पक्षकार उचित प्रकार से संविदा का विखंडन करता है तथा इसके परिणामस्वरूप संविदा के निबंधनों के अनुरूप जमानत जब्त कर लेता है तो वह वैध होगा |

Source: CLA, LL.B. 3 Year, First Semester, 1st Paper

LAW OF CONTRACT - I

Dr. Ram Manohar Lohiya Awadh University Ayodhya

Dr. RMLAU Ayodhya 

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