Ticker

6/recent/ticker-posts

प्रश्न- क्या संविधान के अनु० 21 के अंतर्गत 'जीवन के अधिकार' में 'मरने का अधिकार' भी शामिल है ? निर्णीत वादों का हवाला दीजिए |

 मरने का अधिकार 

(Right of die )

        मरने के अधिकार को जीने के अधिकार में शामिल किया जाये या न किया जाये इस विषय पर न्यायालय को विभिन्न मत रहे है | सर्वप्रथम महाराष्ट्र राज्य, बनाम श्रीपति दूबल (1989 Cr. L. J. 549 ) के वाद में आन्ध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने निर्धारित किया कि अनु० 21 के अधीन 'जीने के अधिकार ' में 'मरने का अधिकार ' भी शमिल है |


righttodie



        इसके विपरीत चेन्ना जगादेश्वर बनाम आंध्र प्रदेश राज्य (1998 Cr. L. J. 549 ) के वाद में आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने अभिनिर्धारित किया कि जीवन के अधिकार में मरने का अधिकार शामिल नहीं है | अतः भारतीय दण्ड संहिता की धारा 309 जो कि आत्म हत्या के प्रयास को दंडनीय बनाती है संवैधानिक है तथा वह अनु० 21 का उल्लंघन नहीं करती |

        पी० रतीनाम  बनाम भारत संघ [(1994) 3 SCC 394 ] के मामले में उच्चतम न्यायालय ने यह अभिनिर्धारित किया कि अनु० 21 के अंतर्गत 'जीवन के अधिकार' में ' मरने का अधिकार ' भी शामिल है | अतः भारतीय दण्ड संहिता की धारा 309 अनु० 21 के विरुद्ध होने के कारन असंवैधानिक है | उच्चतम नायाय्लय ने कहा कि भारतीय दण्ड संहिता की धारा 309 क्रूर तथा न्याय विरुद्ध है, क्योंकि वह ऐसे व्यक्ति को दण्ड देने का प्रावधान करती है, जो पहले से ही पिणित है और जिसे मानसिक रूप से जिझने की सलाह कजी आवश्यकता है और दूसरों को कोई हानि नहीं पहुचाता है |

        परन्तु ग्यान कौर बनाम पंजाब राज्य [(1996) 2 SCC 649 ] के वाद में उच्चतम न्यायालय ने अपने पूर्व निर्णय को उलट दिया तथा यह अभिनिर्धारित किया कि अनु० 21 के अंतर्गत ' जीवन के अधिकार ' में 'मरने का अधिकार ' शामिल नहीं है | न्यायालय ने कहा कि जीवन के अंतिम क्षण तक गरिमा से मरने के अधिकार की तुलना जीवन की सामान्य अवधि को कम करके/ अप्राकृतिक रूप से मरने के अधिकार से नहीं की जा सकती है | मारें के अधिकार तथा जीने का अधिकार एक दूसरे के विरोधी है इसलिए वे एक दुसरे में शामिल नहीं हो सकते है | 

        अतः वर्तमान में अनु० 21 के सन्दर्भ में यह स्पष्ट है कि 'जीवन के अधिकार '  मे 'मरने का अधिकार ' शामिल नहीं है | 




Source: CLA,

LLB. 3 YEAR PROGRAMME 1st SEMESTER 2nd PAPER

CONSTITUTIONAL LAW - I

DR.RAM MANOHAR LOHIA AWADH UNIVERSITY, AYODHYA

DR. RMALU, AYODHYA

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ