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प्रश्न - मूल अधिकारों के सन्दर्भ में संविधान के भाग 3 में प्रयुक्त शब्द 'राज्य' की परिभाषा दीजिए |

 अनु० 12 के अंतर्गत राज्य की परिभाषा 
(Definition of State Under Article 12)

     

               अनु० 12 ' राज्य ' शब्द को परिभाषित करता है | इसके प्रावधानों के अनुसार --"जब तक प्रसंग से दूसरा अर्थ अपेक्षित न हो, तब इस भाग (भाग 3) में राज्य के अंतर्गत भारत की सरकार संसद राज्यों में में से प्रत्येक राज्य की सरकार और विधान मण्डल और भारतीय राज्य के अंदर या भारत सरकार के अधीन सब स्थानीय तथा अन्य प्राधिकारी सम्मिलित है |"


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        अनु० 12 के तहत राज्य में निम्नलिखित शामिल है --

        1. भारत सरकार तथा संसद,

        2.राज्य सरकार तथा संसद,

        3.सभी स्थानीय प्राधिकारी 

        4.अन्य प्राधिकारी |

        भारतीय सरकार तथा राज्य सरकार अर्थात कार्यपालिका एवं संसद, तथा विधान मण्डल अर्थात विधायिका का अर्थ तो अपने आप में स्पष्ट है | परन्तु 'स्थानीय ' तथा 'अन्य प्राधिकारी ' विस्तृत व्याख्या वाले शब्द हैं | 

'स्थानीय प्राधिकारी ' --प्राधिकारी शब्द का अर्थ है, जिन्हें विधि, उपविधि,आदेश,अधिसूचना आदि के निर्माण या जारी करने की शक्ति प्राप्त है | ऐसे सभी प्राधिकारी जिन्हें ऐसी शक्ति प्राप्त है, वह राज्य की परिभाषा में आते है | 'स्थानीय प्राधिकारी ' शब्द के अंतर्गत नगरपालिकाएं, जिला मण्डल,ग्राम पंचायत, इम्रूव्मेंट ट्रस्ट आदि आते हैं |

        'अन्य प्राधिकारी '--    ' अन्य प्राधिकारी' शब्द की न्यायालयों द्वारा बड़ी विस्तृत व्याख्या की गई है | न्यायालयों के सामने 'अन्य प्राधिकारी ' पदावली के सम्बन्ध में कौन सा ऐसा परिक्षण है, जिससे यह तय किया जा सके, कि यह पदाधिकारी 'अन्य पदाधिकारी 'पदावली में शामिल है या नहीं |


'राज्य शब्द की परिभाषा में शामिल होने के लिए कसौटी '


        इस सम्बन्ध में इलेक्ट्रीसिटी बोर्ड राजस्थान बनाम मदन लाल, (AIR 1967 SC 1857) के मामले में उच्चतम न्यायालय ने अभिनिर्धारित किया कि अनु० 12 में प्रयुक्त 'अन्य प्राधिकारी ' में वे सभी आते है,जो संविधान के किसी परिनियम (Statute) द्वारा स्थापित किये जाते हैं, जिन्हें विधि, उपविधि,आदि निर्मित करने की शक्ति प्राप्त है |

उनके लिए यह आवश्यक नहीं है कि वे शासकीय या प्रहुत्व संपन्न शक्ति  (sovereign power) का प्रयोग करते हो |

        रमन्ना शेट्टी बनाम अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्टअथोरिटी आफ इण्डिया लि० ,( AIR 1979 SC 1628 ) के मामले में इस बात के निर्धारण के लिए क्या कोई निगम या एंजर्स 'अन्य प्राधिकारी ' शब्द शामिल है या नहीं, उच्चतम न्यायालय ने निम्नलिखित कसौटी निर्धारित की है --

        1.उस निकाय का स्रोत क्या है अर्थात क्या पूँजी द्वारा धारित है ?

        2. क्या कार्य की प्राकृत सार्वजानिक है या राज्य से जुडी है ?

        3. क्या कोई राजकीय विभाग उसे हस्तांतरित किया गया है ?

        4. क्या उसे एकाधिकार की शक्ति है ?


        टेकराज बनाम खालिद मुजीब,  (AIR 1981 SC 435 ) के मामले में अभिनिर्धारित किया कि सोसाइटी रजिस्ट्रेशन एक्ट, 1988 के अधीन रजिस्टर्ड सोसाइटीकेन्द्रीय सरकार की एक अभ्करद है अतः वह अनु० 12 के अधीन 'अन्य प्राधिकारी ' की परिधि में आती है, मामले में यह भी कहा गया कि निगम या निकाय कैसे सृजित होता है यह आवश्यक कसौटी नहीं है, यदि निकाय राज्य का अभिकर्त्ता है, तो अवह अनु० 12 के अंतर्गत 'राज्य ' की परिबाषा में आता है | 

        इस प्रकार यु० पी० वेअर हाउसिंग कारपोरेशन  बनाम विजय नारायण , (AIR1980 SC 840) के मामले में उत्तर प्रदेश राज्य भंडार निगम को और ओमप्रकाश बनाम भारत संघ, (AIR 1981 SC 212) के वाद में भारत पेट्रोलियम कार्पोरेसन  को उच्चतम न्यायालय ने अनु० 12 में प्रयुक्त पड़ 'अन्य प्राधिकारी ' के अर्थ में 'राज्य ' माना है | इसी प्रकार एस० एम० इलियास बनाम आइ० सी० ए० आर० [(1993) SCC 182] के मामले में भारतीय कृषि शिध परिषद् को अनु० 12 के अंर्तगत 'राज्य ' माना गया है | 

        यु० पी० स्टेट कोआपरेटिव लैंड डेवलपमेंटबंकि लि० बनाम चन्द्र भान दूबे (AIR 1999 SC 753 ) के मामले में यह अभिनिर्धारित किया कि उत्तरप्रदेश की कोआपरेटिव बैंक  यद्यपि सोसाइटीएक्ट के तहत कार्य करता है, परन्तु उसका गठन बैंक अधिनयम, 1964 के रहत किया गया है, जिसके प्रावधानों से यह सपष्ट होता है, कि बैंक का संचालन राज्य सरकार के पूर्ण नियंत्रण में है  अतः वह अनु० 12 के तहत 'राज्य ' की परिभाषा में आता है | 

        बैंक आफ इण्डिया बनाम ओ० पी० स्वारंकर, [(2003) 2 SCC 721] के मामले में उच्चतम न्यायालय ने अभिनिर्धारित किया कि राष्ट्रीयकृत बैंक संविधान के अनु० 12 के तहत राज्य की परिभाषा में आते है |

        आसाम स्टेट स्माल स्केल इंडस्ट्रीजकारपोरेसन लि० बनाम डी० डी० फार्मास्यूटिकल , (AIR 2006 SC 13) के बाद उच्चतम न्यायालय ने यह अभिनिर्धारित किया है कि आसाम स्केल इंडस्ट्रीज कारपोरेसन लि० अनु० 12 के अर्थों में राज्य है |

        अधिनियमित निकाय अनु० 12 के अंतर्गत राज्य है (पंजाब जल आपूर्ति एवं सीवरेज बोर्ड बनाम रंजोघ सिंह, ए० आइ० आर० 2007 SC 1082) |

एम० डी० भद्र शाहकारी एस० के० नियमिता बनाम प्रेसिडेंट, चित्रदुर्ग, मजदूर संघ [(2006) 8 SCC 552] के उच्चतम न्यायालय ने यह अभिधारित किया है कि सहकारी चीनी फैक्ट्री, जो कि को-आपरेटिव सोसाइटीज अधिनियम के अंतर्गत पंजीकृत है अनु० 12 के अंतर्गत 'राज्य ' नहीं है |


Source: CLA,

LLB. 3 YEAR  PROGARMME 1st SEMESTER, 2nd PAPER

COSTITUTIONAL  LAW - I
 
DR. RAM MANOHAR LOHIA AWADH UNIVERSITY, AYODHYA 

DR, RMLAU, AYODHYA 

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