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प्रश्न - संविदा के विनिर्दिष्ट अनुपालन के मामलों में संविदा के अपने भाग का पालन करने के लिए तत्पर एवं इच्छुक रहने से क्या अभिप्राय है?

        विनिर्दिष्ट अनुतोष अधिनियम, 1963 की धारा 16 में यह कहा गया है कि --
संविदा का विनिर्दिष्ट अनुपालन ऐसा व्यक्ति ही करा सकता है जिसने --
        (i) संविदा के अपने भाग का पालन कर दिया है; या
        (ii) जो पालन करने के लिए सदैव 'तत्पर' एवं 'रजामन्द' रहा है |


readinessandwillingness

        राजकिशोर बनाम प्रेम सिंह (ए० आईo आरo 2011 एसo सीo 382) के मामले में उच्चतम न्यायालय द्वारा यह अभिनिर्धारित किया गया है कि संविदा के अपने भाग के पालन के लिए तत्पर एवं इच्छुक रहने के तथ्य का अभिवचन में उल्लेख किया जाना आवश्यक है |

        ऐसी तत्परता एवं रजामन्दी का वाद की सुनवाई तक अस्तित्व में रहना आवश्यक है | ( सनावर अली बनाम राम किशोर, एo आईo आरo 1985 एन o ओo सीo 82 इलाहाबाद )

        यदि वादी द्वारा संविदा के अपने भाग का पालन कर दिया गया है तो उसके 'तत्पर एवं इच्छुक' रहने का प्रश्न नहीं रह जाता है | ( पृथ्वीराज सिंह बनाम दिलीप कुलकर्णी, एo आईo आरo 1992 राजस्थान 201 )

        संविदा के अपने भाग का पालन करने के लिए तत्पर एवं इच्छुक रहने के तथ्य को साबित किया जाना आवश्यक है | (आरo कुमार बनाम आरo सुशील कुमार, एo आईo आरo 2012 एनo ओo सीo 233 मद्रास )

        संविदा के अपने भाग का पालन करने के लिए तत्पर एवं रजामन्द रहना ही पर्याप्त नहीं है, इसका अभिवचन में उल्लेख किया जाना भी आवश्यक है | ( आरo कृष्णमूर्ति बनाम वीo जयकुमार, एo आईo आरo 2012 मद्रास 196)



Source: CLA

LAW OF CONTRACT - I

THE SPECIFIC RELIEF ACT - 1963

DR. RAM MANOHAR LOHIYA AWADH UNIVERSITY, AYODHYA

DR. RMLAU AYODHYA


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