स्वीकृति (Acceptance)
संविदा निर्माण के लिए प्रस्ताव के बाद स्वीकृति आवश्यक होती है | एन्सेन ने इस सम्बन्ध में लिखा है कि " स्वीकृति का प्रस्ताव के साथ वही सम्बन्ध है जो कि जलती हुई तीली का बारूद की गाडी के साथ |" स्वीकृति ही प्रस्ताव को संविदा में परिवर्तित कर देती है |
संविदा अधिनियम की धारा 2 (b) के अनुसार "जबकि वह व्यक्ति जिसे प्रस्ताव किया गया है , उसके प्रति अपनी अनुमति प्रदान करता है तब कहा जाता है कि प्रसताव स्वीकृत हो गया है |"
इस प्रकार स्वीकृति की बंधनकारी होने के लिए निम्नलिखित शर्तों का पूरा किया जाना आवश्यक होता है --
- स्वीकृति को संसूचित किया जाना आवश्यक है |
- स्वीकृति की संसूचना उसी व्यक्ति द्वारा की जनि चाहिए जोकि ऐसा करने का अधिकार रखता हो |
- स्वीकृतिकर्ता को प्रस्ताव का ज्ञान होना चाहिए |
- स्वीकृति पूर्ण तथा बिना किसी शर्तों के साथ होनी चाहिए |
- स्वीकृति निश्चित समय में तथा निश्चित ढंग से की जनि चाहिए |
- स्वीकृति प्रस्ताव के बने रहने के दौरान की जनि चाहिए |
मेसर्स भगवती प्रसाद पवन कुमार बनाम भारत संघ एoआईoआरo 2006 एससी 233 में अपीलार्थी से रेलवे ने यह प्रताव इस शर्त के साथ किया कि प्रस्ताव स्वीकृति योग्य न होने पर चेक को तुरंत वापस लौटा दिया जाय अन्यथा यह मन जायेगा कि अपीलार्थी ने प्रस्ताव को अपने दावे की अंतिम संतुष्टि के रूप में स्वीकार कर लिया है | चेक का भुगतान करा लेने पर दावे की पूर्ण संतुष्टि मानी जाएगी | उच्चतम न्यायलय ने यह निर्णय दिया कि बिना किसी विरोध के चेक का नकदीकरण किया जाना प्रस्ताव की बिना शर्त स्वीकृति मानी जाएगी |
वचन (Promise)
संविदा अधिनियम की धारा 2 (b) में वचन को परिभाषित किया गया है जिसके अनुसार "कोई प्रस्ताव स्वीकृत हो जाने पर वचन का रूप धारण करता है " अर्थात स्वीकृत प्रस्ताव वचन कहलाता है |
"A proposal when accepted becomes a promise."
वचन की परिभाषा से स्पष्ट है कि वचन के लिए कोई प्रस्ताव मात्र ही पर्याप्त नहीं है प्रस्ताव की स्वीकृति दी जनि आवश्यक है | अर्थात वचन में दो तत्व पाए जाते हैं --
- प्रस्ताव
- स्वीकृति
इस प्रकार वचन के लिए प्रस्ताव तथा स्वीकृति दोनों की ही सम्पूर्ण शर्तों को पूरा करना आवश्यक होता है | यदि दोनों की शर्तों को पूरा नहीं किया जाता है तो वचन पूर्ण नहीं होता है |
उदहारण
'अ' कुछ काम करने के लिए 'ब' को 100 रूपये देने को कहता है | यदि 'ब' 'अ' की शर्तों के तहत कार्य करने को तैयार हो जाता है तथा अपनी स्वीकृति दे देता है तब यह वचन कहलाता है |
LLB. 3 Year Programme, 1st Semester, 1st Paper, Dr. RMLAU Ayodhya
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