1- जहाँ क्षति के निर्धारण का उचित मानदण्ड न हो- धारा 10 में दिए गए प्रावधानों के अनुसार जहाँ संविदा की शर्तों, विषयवस्तु या पक्षकारों के सम्बन्धों से विधिक क्षति की निश्चितता पर नहीं पंहुचा जा सकता हो वहां उस प्रकार की संविदाओं का विनिर्दिष्ट अनुपालन हो सकता है |
उदाहरण
किसी मृत चित्रकार द्वारा निर्मित चित्र के विक्रय की संविदा का विनिर्दिष्ट अनुपालन कराया जा सकता है | क्योंकि यहाँ क्षतिपूर्ति के निर्धारण का कोई मानदण्ड नहीं है |
2-जहाँ आर्थिक क्षतिपूर्तिपर्याप्त अनुतोष न हो --जहाँ संविदा की विषयवस्तु ऐसी विशिष्ट प्रकृति की हो या विशिष्ट मूल्य की हो , जहाँ विधिक नियमो के अनुसार उसके लिए प्रतिकार पर्याप्त न हो तो वहां उस प्रकार की संविदाओ का विनिर्दिष्ट अनुपालन कराया जा सकता है |
उदाहरण
3- जहाँ आर्थिक प्रतिकर प्राप्त न किया जा सके - जहाँ संविदा में यह सम्भावना हो कि समस्त कार्य न किये जाने के लिए आर्थिक प्रतिकार पर्याप्त नहीं किया जा सकता है वहां संविदा का विशिष्ट अनुपालन हो सकता है | इस प्रकार की संविदाओ के लिए दिवालियापन एक ऐसा आधार है जिसके आधार पर वादी संविदा का विनिर्दिष्ट अनुपालन करा सकता है |
4 -जहाँ वाद बंधक संपत्ति अनुपालन के लिए हो -- धारा 14 (3) (अ) के अनुसार जहाँ बंधक राशि का कुछ भाग तो चुकता कर दिया गया है तब बंधककारी द्वारा बाकी बंधक राशि चुकाकर उसे संपत्ति को बंधक में अपने पास रखने के लिए संविदा का विनिर्दिष्ट अनुपालन कराया जा सकता है |
5 -जजाजहाँ वाद किसी कंपनी के प्रत्तिज्ञापत्र को जारी करने के लिए हो --धारा 14 (अ) (3) (ii)के अनुसार यदि किसी कंपनी ने अपने किसी सदस्य के साथ प्रतिज्ञापत्र जारी करने की संविदा की है तो वह सदस्य उसका विनिर्दिष्ट अनुपालन करा सकता है |
6-जहाँ वाद साझेदारी के विलेख के निष्पादन के लिए हो --धारा 14 (3) (ब) के अनुसार जहाँ मौखिक रूप की साझेदारी को विलेख में बदलने के लिए लाया जाता है या फर्म के हिस्से को बेचने कीसंविदा के लिए वाद लाया जाता है तो उसका विनिर्दिष्ट अनुपालन कराया जा सकता है |
7-निर्माण कार्य की संविदा --धारा 14 (3) (स) के अनुसार जहाँ संविदा किसी इमारत के निर्माण कार्य से सम्बंधित हो वहां उसका विनिर्दिष्ट अनुपालन कराया जा सकता है |
8 -ट्रस्ट संपत्ति से सम्बंधित संविदा --यदि कोई व्यक्ति ऐसे न्यासी (Trustee) के साथ संविदा करता है, जो ट्रस्ट संपत्ति के सम्बंध में अपने अधिकृत अधिकारों के अंतर्गत न्यासी का कार्य कर रहा है तो उस संविदा का विनिर्दिष्ट अनुपालन काराया जा सकता है |
एस० एस ० मधुसूदन बनाम केरल कौमुदी प्राइवेट लि ०, ए ० आई ० आर ० 2004 एस ० सी ० 909 में उच्चतम न्यायालय ने यह निर्णीत किया कि एक प्राइवेट कंपनी का शेयर होल्डर कुछ प्रतिबंधों के अधीन अपने अंशों को चुने हुए व्यक्ति के साथ विक्रय कर सकता है | ऐसी संविदाओ का पालन विनिर्दिष्ट अनुतोष अधिनियम , 1963 की धारा 10 के अंतर्गत कराया जा सकता है |
Source: CLA.
LAW OF CONTRACT- I (THE SPECIFIC RELIEF ACT -1963)
Dr. Ram Manohar Lohiya Awadh University Ayodhya
Dr. RMLAU Ayodhya
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