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उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम

जागरूकता ही उपभोक्ता का हथियार अधिकारों के प्रति जागरूक हो उपभोक्ता तो दूर होगी समस्या उपभोक्ता फोरम 
ध्यान दें उपभोक्ता खाद्य पदार्थ में मिलावट की भी कर सकते हैं शिकायत 

स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह पदार्थ मिलाकर व्यापारियों द्वारा खाद्य पदार्थों में मिलावट करना या कुछ ऐसे पदार्थ निकाल लेना, जिनके कम होने से पदार्थ की गुणवत्ता पर विपरीत असर पड़ता है, ऐसे क्रियाकलापों की भी शिकायत की जा सकती है ।
1- अधिकतम खुदरा मूल्य एमआरपी का गलत तौर पर निर्धारण ।
2- एमआरपी से ज्यादा पर बेचना ।
3- दूध से क्रीम निकाल कर बेचना ।
4- गलत विज्ञापनों से गुमराह करना ।
5- वस्तुओं की पैकिंग पर दी गई जानकारी से अलग सामग्री पैकेट के भीतर रखना ।
6- गलत सामग्री वाली वस्तुओं की आपूर्ति करना ।
7- वस्तुओं के वजन और मापन में झूठे या निम्न स्तर के साधन इस्तेमाल करना ।
8- दवाओं आदि जैसे अनिवार्य उत्पादों की अनाधिकृत बिक्री समापन तिथि के बाद करना ।
9- गारंटी या वारंटी आदि को पूरा ना करना ।
उपभोक्ता फोरम दिलाएगा हर्जाना
ग्राहक अगर जागरूक है तो उसे न्याय और हर्जाना दिलाने में उपभोक्ता फोरम पूरी मदद करता है । ग्राहक किसी उत्पाद की बिक्री के बाद उस से असंतुष्ट है, और अपना मूल्य हर्जाने के तौर पर वसूलना चाहता है, तो उपभोक्ता फोरम में शिकायत कर के हर्जाने की मांग कर सकता है । उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 के अंतर्गत उपभोक्ता अधिकारों का संरक्षण होता है, इसके लिए सिर्फ उपभोक्ता को जागरूक होने की जरूरत है ।
शुल्क  ₹100 से ₹500 तक  
गोमती नगर के मल्हौर स्टेशन के नजदीक आरके पुरम कॉलोनी में स्थित जिला उपभोक्ता फोरम प्रथम एवं द्वितीय में वकील के माध्यम से और खुद भी मुकदमा दायर कर सकते हैं । डाक से भी मुकदमा दर्ज कराने का प्रावधान है, इसके लिए उन्हें निर्धारित स्टांप शुल्क अदा करनी होती है ₹100000 तक के मुकदमे के लिए ₹100 की स्टांप शुल्क निर्धारित है । इसके अलावा 500000 के लिए ₹200, 10 लाख से ₹20 लाख तक के मुकदमे के लिए ₹500 स्टांप शुल्क देनी होती है । इसके अलावा शिकायतकर्ता उपभोक्ता को जवाब दावा भी दाखिल करना होगा । जवाब दावा दाखिल करने के 7 दिन के अंदर फोरम द्वारा विपक्षी को नोटिस भेजी जाती है । मुकदमे का निपटारा नियमतः 90 दिनों के अंदर करने का प्रावधान है ।
हेल्पलाइन बन रही मददगार 
उपभोक्ताओं की मदद के लिए राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर दो हेल्पलाइन संचालित की जा रही है । उपभोक्ता अपनी समस्याओं को लेकर इन हेल्पलाइन नंबरों पर शिकायत कर सकते हैं । लखनऊ बाट माप विभाग कार्यालय में राज्य उपभोक्ता हेल्पलाइन 18001800300 है । राष्ट्रीय स्तर पर जो हेल्पलाइन बनी है उसका नंबर 1800114000 है । इस नंबर पर फोन करके उपभोक्ता अपनी शिकायत को उपभोक्ता फोरम में मुकदमा के रूप में परिवर्तित करा सकते हैं ।
ये है उपभोक्ताओं के अधिकार
1- हर खरीद की रसीद लेनी चाहिए ।
2- त्रुटिपूर्ण माल अथवा सेवाओं में नुकसान से सुरक्षा का अधिकार ।
3- खरीदे माल अथवा प्राप्त सेवाओं के संबंध में सूचना का अधिकार ।
4- अनेक सेवाओं एवं माल में से चयन का अधिकार ।
5- खरीदे गए त्रुटिपूर्ण माल या प्रदत्त त्रुटिपूर्ण सेवा के विषय में सुने जाने का अधिकार ।
6- सामान अथवा सेवाओं की गुणवत्ता, मात्रा, क्षमता, शुद्धता स्तर और मूल्य की जानकारी रखनी चाहिए ।
7-  पैकिंग वस्तुओं पर मूल्य का अलग स्टीकर नहीं होना चाहिए ।
एमआरपी जरूर देखें 
उपभोक्ताओं को खरीदारी करते समय सावधानी बरतनी चाहिए । उपभोक्ताओं को विभिन्न आधारभूत पहलुओं जैसे अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) सोने के आभूषणों की हालमार्क, उत्पादों पर भारतीय मानक संस्थान आईएसआई का निशान और समाप्ति की तारीख के बारे में जानकारी होनी चाहिए । इसके बावजूद धोखा होता है तो उसके खिलाफ शिकायत कर सकते हैं  ।

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